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मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

रजनी चालीसा

आज कल रजनीकांत पर बहुत सारे एस.एम.एस और दो लाईना बन रहे हैं.. भैया अब वो हैं ही ऐसे कमाल के..६१ साल में ऐसे-ऐसे कारनामे अपनी फिल्मों में जो करते हैं.. नव-कलाकारों की तो सिट्टीयां और पिट्टीयां सब गुम हो गए हैं.. रजनीकांत ने जितनी मेहनत और निष्ठां से फ़िल्मी जगत को एक से बढ़ कर एक सुपर-हिट पिक्चरें दी हैं.. जितनी सराहना हो, कम है..
पर जनाब इनके ऊपर बन रहे एस.एम्.एसों ने तो धमाल ही मचा रखा है.. ऐसा कहना गलत होगा कि इन सब एस.एम्.एसों में उनके खिलाफ कुछ कहा जा रहा है... बस कुछ हंसी-मज़ाक और क्या?
वो कहते हैं न - "जो चुटकुला आप पर बने और जिसे सुनकर हज़ारों लोग हँसे.. उससे बेहतर चुटकुला दुनिया में नहीं है.. कम से कम आप पर ही सही.. पर इतने लोग हँसे तो सही"

तो मैंने भी सोचा कि चंद पंक्तियाँ लिखूं इस महान कलाकार पर:
(आप सब से गुजारिश है कि इसे अच्छी मंशा में ही लें.. मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं लिख रहा हूँ)
तो रजनीजी के ऊपर प्रस्तुत है..

"रजनी चालीसा"
चाहे मुन्नी कितनी भी बदनाम हो
चाहे शीला की जवानी पूरी चढ़ी परवान हो
चाहे ए.सी.पी प्रद्युमन उसपर बन रहे एसेमेसों से परेशान हो
पर पूरी दुनिया फिर भी कहेगी..
Oh My रजनी Only तुस्सी महान हो!
पूरे भारत की शान हो!
Einstein के लिए बेईमान हो!
Newton के लिए हैवान हो!
Surprises की खान हो!
दुनिया की श्रृष्टि-गान हो!
मुर्दों में दौड़ती जान हो!
बेसुरों की टोली की तान हो!
इंजीनियरिंग कॉलेज के मेस की नान हो!
रात को लेते जल-पान(नाश्ता) हो!
Tsunami के सामने उफान हो!
मूक के लिए ज़बान हो!
बहरे के लिए कान हो!
सूरज को Supply करने वाले भान हो!
Even राखी के लिए मान हो!
पानी में तैरता वायुयान हो!
कुम्भ में वीरान हो!
गिनीज़ बुक के लिए हैरान हो!
साइकिल के लिए कटने वाली चलान हो!
दुनिया की सबसे समतल ढलान हो!
खली के लिए पहलवानी की दुकान हो!
रिकी पॉन्टिंग को लगे, उससे भी बड़े बेईमान हो!
ब्रैड पिट से भी ज्यादा जवान हो!
पर जो भी हो...
Completely Made In हिंदुस्तान हो!
और हम सब के लिए धरती वाले भगवान हो!
Oh My रजनी.. तुस्सी Gr8 हो! महान हो!

शनिवार, 13 नवंबर 2010

अनमोल अजन्मी कन्याएं

भोला भागता हुआ कमरे में घुसा और साँसों ही साँसों में एक वज्र मार गया..
"बाबा, जायदाद के लिए फिर से हाथापाई हो गयी और गौतम ने जीतू भैया को गोली मार दी!!"

इतना सुनना था कि बाबा और माँ पवन की वेग से गाड़ी में चढ़ कर जीतू के घर पहुंचे..
वहां अफरा-तफरी मची हुई थी और इसी बीच जीतू को अस्पताल ले जाया गया...
करीब ३-४ घंटों की मशक्क़त के बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया..

पुलिस केस हुआ और गौतम को अपने बड़े भाई के क़त्ल के जुर्म में जुर्माने के साथ १० साल की कैद हुई...

घटना के कई दिनों बाद बाबा माँ के साथ बरामदे में बैठे थे.. दोनों में एक समझी-बुझी चुप्पी थी..
तभी बाबा बोले - "जीतू की माँ, अगर इन दो नालायकों के लिए हमने उस समय परिवार और समाज के दबाव में तेरे कोख में पल रही दो कन्याओं का क़त्ल किया था, तो सबसे बड़े गुनहगार तो हम हैं... काश हमारे बेटियाँ होती.."

और दोनों की आँखों से दो बूँद आंसू, धूप से तपती गर्म फर्श पे गिर के उन अजन्मी कन्याओं की तरह मर गए...

फोटो श्रेय: http://www.stolenchildhood.net