मोहित एक सर्वगुण और सम्पूर्ण परिवार का लाडला बेटा था | बड़ा भाई डॉक्टर बन गया था और बड़ी बहन भी अपनी पढ़ाई पूरी कर के अपने ससुराल जा चुकी थी | मोहित पिछले ५ सालों से बाहर ही था और अपनी पढ़ाई ख़त्म करके वो वापस घर आया था |
मोहित में बदलाव ज़बरदस्त था और उसके सोचने-समझने-परखने की शक्ति लाजवाब हो गयी थी | कॉमर्स लेकर पढ़ने के बाद भी उसका रुख अपने देश, अपनी मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने का था | वह केवल बोलना और सुनना नहीं चाहता था.. कुछ करना भी चाहता था | कुछ अनुभवी लोगों से विचार-विमर्श करके उसने एक फैसला लिया.. एक दृढ़ फैसला |
घर आया और माँ-पिताजी को कहा, "मैं देश के लिए काम करना चाहता हूँ, मैं राजनीति में जाना चाहता हूँ" ... इतना कहना था कि पिताजी आवेश में आ गए और कहा कि यह शब्द और सोच अपने ज़हन से निकाल दो.. हमने तुम्हे इसलिए नहीं पढ़ाया है कि तुम इस गन्दगी में पैर रखो.. शादी करके घर बसाओ और शान्ति से रहो.. समाज-सेवा करने के लिए और भी लोग हैं.. राजनीति में मेरी लाश पर चढ़कर ही हिस्सा लेना..
मोहित फटा सा देखता और सुनता रहा.. सोचा कि सफाई सबको चाहिए पर भगत सिंह तो पड़ोस से ही हो.. वह अपने निश्चय की दृढ़ता पर सोचता हुआ अपने कमरे में आ गया और इस तरह एक भावी, शिक्षित और युवा राजनेता का क़त्ल हो गया..
yahi haal hai sir badlaav sab chahte hain..par koi aur kare ham taaliyan aur mombattiyan leke baithe hain..
जवाब देंहटाएंanek mata- pita apne ht ke karn bachcho ke telent ko dafan kr dete hai.utto jago vicharo aur jiddi mata pita ke khilaf kranti ka bigal bja do.
जवाब देंहटाएंआईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
मां-बाप ने सही सलाह दी, इस गंदी राजनीति में हरीशचंद जैसे डगमगा जाए वो क्या था !
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है!!
जवाब देंहटाएंउम्दा कथा.
bahut sahi likha PM.....aur Godiyal ji ko samajhna chahiye ki ek aadmi kya kya kar sakta hain iski koi seema nahi hain :)
जवाब देंहटाएंअल्टिमेट अपडेट ऑफ दिस ब्लॉग.......लव्ड इट :) :)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी यह कहानी...
जवाब देंहटाएंgud & straight one :)
जवाब देंहटाएंekdam sahi likha hein boss, aur shandaar bhi
जवाब देंहटाएंAs many above have said, a good observation of what's happening in our society. Reminds me of the speech that Rahul Bose gave at the Oasis Inaug last year...
जवाब देंहटाएंPolitics really need enlightened minds to clean the dirt which is residing since ages.
जवाब देंहटाएंThe whole system is corrupt. Its a debatable topic what a common man can do. If anything can be changed, it can be done by common man only!
I think it is quite natural for any parent to get nuts. The Thinking needs to be changed, but it can't be done in 1 day. People are still orthodox about politics and why not. Politics doesn't provide a good development prospect for young minds. Unless the game is neat, it won't attract youngsters.
bahut bhavuk or bilkul sahi likha hai aapne..
जवाब देंहटाएंMeri Nai Kavita padne ke liye jaroor aaye..
aapke comments ke intzaar mein...
A Silent Silence : Khaamosh si ik Pyaas