मैं बस चला जा रहा था... बस चला जा रहा था और सोच रहा था कि एक साल और चला गया... हाँ पूरा एक साल...रात के १२ पार हो चुके थे और मैं ऑल नाईट कैंटीन से वापस आ रहा था... अकेला... आज पता नहीं क्यों लगा की लंबे रास्ते से जाना चाहिए... मैं ख़ुद से बातें करना चाहता था...वैसे भी कहाँ वक्त मिल पाता है आजकल अपने लिए... बस यही सोचकर मैं चला जा रहा था...
इस एक साल में मैंने क्या किया है जिससे मुझे ख़ुशी हो और मेरे आस-पास के लोग खुश हुए हों... शायद बहुत कुछ या कुछ भी नहीं ?? नहीं आज मैं कुछ नकारात्मक सोच लाना ही नहीं चाहता क्योंकि आज मेरा दिन है...
यही सोचते हुए गाँधी भवन के बगल से गुज़रा और ऊपर से पक्षियों की आवाजें सुनाई देने लगी... बिट्स में पहला साल एक तारो-ताज़ा ओंस की तरह याद आ गया और मेरा रोम-रोम जोश से भर गया...
इन यादों को याद करना भी एक कठिन काम है... यादें ताजा होती गयी और मेरे कदम धीरे धीरे कृष्णा भवन की और बढ़ रहे थे ठीक वैसे ही जैसे मंद-मंद हवा पूरे शरीर में दौड़ रही थी और पता नहीं अन्दर ही अन्दर कोई गीत गुनगुना रही थी...
मैं रात के सन्नाटे में साफ़-साफ़ उसे सुन सकता था पर कुछ समझ नहीं आ रहा था... शायद पक्षियों और निशाचरों की आवाजें उस गीत को दबा रही थी... पर ये हौले-हौले चलने वाली हवा इतनी अच्छी लग रही थी मानो मन यही कह रहा हो.. इस पवन को पकड़ लो और एक जोर की जादू की झप्पी दो....
तभी दूर से ही भजन-जागरण की आवाज़ आने लगी.. और अचानक मन में ख्याल आया की सही ही है.. कभी एहसास होता ही नहीं की भगवान हैं... कम-स-कम लोग ये सब करके हमें याद दिलवाने की कोशिश तो कर रहे हैं... आजकल तो भगवान बस किसी लड़की में या एक्जाम के पेपर में ही नज़र आता है.. ज़माना कितना बदल गया है पर फिर भी भगवान तो आज भी वही है.. मैंने सोचा चलो अच्छा हुआ इसी बहाने दिन की शुरुआत कुछ भगवान के नाम से भी हो गयी... मेरा प्रणाम...
चलते-चलते क्लॉक-टावर के सामने से गुज़रा और यहाँ हवा बिलकुल सर-सारा रही थी... मैं अभी भी अपने पिछले साल के बारे में सोच रहा था... ब्लॉग, गोवा, इंडियन आइडल, मुंबई, बॉसम, ओएसिस, भैया की शादी, परीक्षाओं के बुरे दिन...बस यही सब याद कर पाया.. पर कितना कुछ था...मुझे बहुत अच्छा लग रहा था... मैं अकेला इस शहर में.. घूम रहा था अपने बारे में सोचते हुए... मैं इस वक़्त किसी के साथ घूमना नहीं चाहता था और ना ही चाहता था कि मुझे कोई कॉल आये... मैं बस इस सरसराती हवा, ऊँचे पेड़, जागरण, क्लॉक टावर, पुराने भवन, दूर भौंकते कुत्ते, सोते पंछी और अपनी यादों के साथ ये समय बिताना चाहता था...
मैं और चलना चाहता था पर फिर लगा की अकेले नहीं घूम पाउँगा.. कोई दोस्त होता तो शायद बातें करते हुए कहीं घूम ही लेते.. फिर अपने भवन की और रुख मोड़ा तो शोर थोडा बढ़ गया.. बगल ही में SAC से कई लोग आ-जा रहे थे... मैं भवन में प्रवेश कर ही रहा था कि एक जूनियर ने हाथ पकड़ कर अभिवादन दिया....मैंने सोचा चलो किसी को तो याद है..की आज मेरा दिन है...
भवन में आने के बाद एक जत्था किसी का जन्मदिन मन रहा था॥ और मैं आगे बढ़ गया क्योंकि मुझे शांति चाहिए थी... चुप-चाप इन्हीं ख्यालों में खोया हुआ अपने कमरे पर आ गया... आते-आते यही सोचा की ब्लॉग करूँगा...
शायद यही सबसे आसान तरीका है लोगों से बात करने का जब कोई आस-पास ना हो... विंग में काफी लोग जा चुके हैं नहीं तो उनके साथ बात करके इतनी ख़ुशी मिलती है.. मैं कम-स-कम इस चीज़ को ज़रूर मिस करूँगा...यहाँ से जाने के बाद...
तभी एक विंगी आया और अभिवादन किया.. काफी अच्छा लगा... कंप्यूटर पर देखा तो दो अभिवादन टीम-टिमा रहे थे.. मैंने झट धन्यवाद दिया... थोडी देर विंगी से बात की और फिर यह पोस्ट शुरू हुआ...
सब कुछ छूट रहा है... एक साल बातों-बातों में निकल गया... तो क्या इसके लिए मैं रोऊँ...या फिर आने वाले पल को जीने की जुगत लगाऊं ? जनाब साल तो आते रहेंगे.. जिनको रोना है रोये.. हमने तो ठान ली है की हंसकर ही जिएंगे और हँसत हंसते उसके पास जाएँगे जो कुछ देर पहले याद आया था... बस यही प्रार्थना है उससे.. आप सभी से भी...की ज़िन्दगी एक है.. अगर रोना है तो पहले ही पूछ लीजिये उस खुदा से कि एक एक्स्ट्रा लाइफ मिलेगी क्या ? हंसने के लिए...
आज मैं वहीँ से आ रहा हूँ जहाँ से बिट्सियन लाइफ शुरू हुई थी... पिछले एक साल की यादों को 4 भवनों में ही तय कर लिया.. कितनी अजब बात है इस मन की...
पर आज मेरा दिन है इसीलिए मैं लिखना चाहता हूँ..क्योंकि घर से दूर हूँ और बात मैं केवल आपसे ही कर सकता हूँ..
क्या जाने कितने लोग इन 4 भवनों का सफ़र मेरे साथ कर पाएं हैं...
अगर कर पाएं हैं तो बता दूं ...
आज मेरा दिन है... आज मेरा जन्मदिन है...
A walk to remember! Wish you a very happy birthday!
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की बहुत सारी शुभ-कामनाये .............
जवाब देंहटाएंHappy Birthday! Well I don't know you, but I've been reading your blog for some time, and well I turned 22 today too. Enjoy, hope you have a great year ahead.
जवाब देंहटाएंसबसे पहले जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंहरिवंश राय बच्चन जी ने कहा है -
"आज मेरा दिल बड़ा है,
आज मेरा दिल चढा है,
हो गया बेकार सारा,
जो लिखा है, जो पढ़ा है,
रुक नहीं सकते ह्रदय के,
आज तो अरमान रोके!
कौन ये तूफ़ान रोके!"
जिंदगी के आपा धापी में मनुष्य अपने लिए बहुत कम ही समय निकाल पता है| जान कर ख़ुशी हुई की तुमने खुद से बातें करने के लिए कुछ पल निकाले| आगे भी यू ही लिखते रहना....
जन्मदिन की बधाई. देर से पोस्ट पढी इसलिए देर से दे रहा हूँ
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है, आपने.
जन्मदिन की बधाई.
जवाब देंहटाएंदेर से पोस्ट पढी इसलिए देर से दे रहा हूँ
साथ ही होली के भी हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें