tag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post8956361196953152711..comments2023-07-08T19:39:57.515+05:30Comments on प्रतीक माहेश्वरी: प्यार में फर्कPratik Maheshwarihttp://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-65119488243337254902012-03-21T15:01:03.737+05:302012-03-21T15:01:03.737+05:30hmmm...phark to hota haihmmm...phark to hota haiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-15188521632317700892012-02-16T16:48:13.841+05:302012-02-16T16:48:13.841+05:30It actually resembles a very practical and believa...It actually resembles a very practical and believable incidence. Good writing :-)Dhavishhttps://www.blogger.com/profile/08431292795148839977noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-1855227552013437102012-01-23T21:25:20.799+05:302012-01-23T21:25:20.799+05:30sundar prstuti.....vaise ye fark hai isiliye to ma...sundar prstuti.....vaise ye fark hai isiliye to mata pita ka darza bahut upar hai...kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-75425416176002396442012-01-18T20:54:47.639+05:302012-01-18T20:54:47.639+05:30मात पिता अक्सर बच्चों के लिए अपनी इच्छाओं की देते ...मात पिता अक्सर बच्चों के लिए अपनी इच्छाओं की देते हैं । यह उनके प्रेम वश ही होता है । लेकिन बच्चों में मात पिता के लिए यही भावना बनी रहे तो वे मात पिता भाग्यशाली होते हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-12286831317299095342012-01-18T20:12:12.403+05:302012-01-18T20:12:12.403+05:30सही कहा
बच्चे उतना लौटा नहीं पाते
माँ बाप का प्य...सही कहा <br />बच्चे उतना लौटा नहीं पाते <br />माँ बाप का प्यार ही ऐसा होता हैshephalihttps://www.blogger.com/profile/03123040839678404254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-22674977507430283712012-01-17T16:59:47.552+05:302012-01-17T16:59:47.552+05:30बहुत ही सार्थक व सटीक प्रस्तुति ।बहुत ही सार्थक व सटीक प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-88853655298871708412012-01-17T16:26:26.631+05:302012-01-17T16:26:26.631+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति| बेहद गहन मगर सटीक्।बहुत सुंदर प्रस्तुति| बेहद गहन मगर सटीक्।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-62569942395444935292012-01-17T12:38:26.749+05:302012-01-17T12:38:26.749+05:30बहुत सार्थक बात आपने लिखी प्रतीक...
मैं इसको प्यार...बहुत सार्थक बात आपने लिखी प्रतीक...<br />मैं इसको प्यार में कमी नहीं कहूँगी...ये व्यक्तिगत स्वभाव का अंतर हो सकता है...<br />मैंने ऐसे पिता भी देखे हैं जो ७० वर्ष की आयु में भी अपनी चीज़ २० साल के पोतों को नहीं दे पातें...<br />प्यार सालों से वैसा ही है..किसी के दिल में है..किसी के नहीं...<br />:-)<br />लिखते रहिये.<br />शुभकामनाये...vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-72619876927177777372012-01-16T13:44:16.977+05:302012-01-16T13:44:16.977+05:30प्रतीक जी, पिता पुत्र में संवाद होना ही चाहिए,ताकि...प्रतीक जी, पिता पुत्र में संवाद होना ही चाहिए,ताकि एक दुसरे के विचारों से को समझ सके,<br />पोस्ट पर आने के लिए आभार,इसी तरह स्नेह बनाए रखे<br />मै फालोवर बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी,...धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-76798563294844074752012-01-16T11:53:35.227+05:302012-01-16T11:53:35.227+05:30समय की बदलाव के अनेक कारण हैं ... आज की आपाधापी वा...समय की बदलाव के अनेक कारण हैं ... आज की आपाधापी वाली जिंदगी ... बदलते नियम, समाज ... पर जैसा की आपने ने अंत में कहा वो फिर भी खुश थे ... कमसे कम उनका बेटा सोचता तो है ...<br />अच्छी कहानी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-23850692859514775012012-01-16T11:53:22.236+05:302012-01-16T11:53:22.236+05:30घुघूती जी,
मैंने यहाँ पर प्यार की तुलना नहीं की है...घुघूती जी,<br />मैंने यहाँ पर प्यार की तुलना नहीं की है.. मैंने तो बस इस बात को छेड़ने की कोशिश की है कि धीरे-धीरे पीढ़ियों में नकारात्मक बदलाव आ रहा है..<br />आज बच्चों के लिए "मैं" बड़ा हो गया है ना कि उनके "माता-पिता" .. इस बात को मैंने दोनों के प्यार में फर्क बताकर दर्शाया है..<br />उन दोनों के प्यार की तुलना नहीं की जा सकती, इसमें कोई दो राय नहीं है..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-13951153506981122152012-01-14T21:35:07.098+05:302012-01-14T21:35:07.098+05:30प्रतीक जी,...जनरेशन गैप तो रहेगा,..
बहुत सुंदर प्र...प्रतीक जी,...जनरेशन गैप तो रहेगा,..<br />बहुत सुंदर प्रस्तुति,<br />new post--<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/dheerendra.html#links" rel="nofollow">काव्यान्जलि : हमदर्द.....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-73745648321479973812012-01-14T17:30:53.080+05:302012-01-14T17:30:53.080+05:30आपकी यह पोस्ट बहूत अच्छी लगी इस छोटी सी कहानी के म...आपकी यह पोस्ट बहूत अच्छी लगी इस छोटी सी कहानी के माध्यम <br />से बहूत गहन विचारो को बताया है , बदलती पिढी के साथ प्यार में <br />भी फर्क आ हि जाता है ..मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-55650822423027362292012-01-14T01:02:35.010+05:302012-01-14T01:02:35.010+05:30प्रतीक,फोटो से तो लगता है की मैं आपको नाम से सम्बो...प्रतीक,फोटो से तो लगता है की मैं आपको नाम से सम्बोधित कर सकती हूँ, सो कर रही हूँ.माता पिता के बच्चों प्रति प्रेम व बच्चों के माता पिता प्रति प्रेम की तुलना करना ही गलत है.माता पिता का ममत्व व वात्सल्य प्रकृति द्वारा दिया गया है ताकि नया जीवन जन्म ले व सुरक्षित रह स्वयं नए जीवन के निर्माण लायक बन सके.इसमें किसी त्याग या महानता की बात बिल्कुल नहीं है.शायद ऑक्सीटोसिन नामक हॉर्मोन को प्रकृति ने बच्चे के जन्म के साथ ही माँ को यूँ ही नहीं बाँटा.<br />बच्चों में माता पिता प्रति यही भाव प्रकृति ने इसलिए नहीं डाले ताकि वे परिवार की एक नई इकाई बनाकर स्वयं नवजीवन का निर्माण कर सकें. इसके लिए आवश्यक है कि वे पुराने बन्धनों को थोड़ा ठीला कर अपना नया संसार बसाएँ,नए मोह व ममता में डूब सकें. इसको यदि स्वार्थ कहें तो गलत है. वे माता पिता के लिए जितना करते हैं वह प्रकृति द्वारा संचालित न होकर समाज में रहकर सीखा हुआ होता है. वे जितना कर रहे हैं वह बहुत है.<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-19232616263332143912012-01-13T22:02:25.371+05:302012-01-13T22:02:25.371+05:30सुन्दर प्रस्तुति. मकर संक्रांति की शुभकामनायें.सुन्दर प्रस्तुति. मकर संक्रांति की शुभकामनायें.Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-71463160462360262612012-01-13T20:14:29.382+05:302012-01-13T20:14:29.382+05:30संतोष त्रिवेदी जी यह भी कह रहे हैं:
"संवेदनशी...संतोष त्रिवेदी जी यह भी कह रहे हैं:<br />"संवेदनशील कहानी का उदहारण है .यह प्यार नहीं हमारे समाज में रिश्तों में हो रहे अवमूल्यन की गवाही है !"Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-31009819650007264602012-01-13T19:39:32.610+05:302012-01-13T19:39:32.610+05:30रिश्तों में बहुत फर्क आ गया है,यह प्यार तो नहीं है...रिश्तों में बहुत फर्क आ गया है,यह प्यार तो नहीं है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-66231454159696076352012-01-12T19:55:51.390+05:302012-01-12T19:55:51.390+05:30बस यही तो फ़र्क होता है बच्चो और माता पिता के निस्...बस यही तो फ़र्क होता है बच्चो और माता पिता के निस्वार्थ प्रेम मे…………बेहद गहन मगर सटीक्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-66531486635380244542012-01-12T08:52:02.629+05:302012-01-12T08:52:02.629+05:30bahoot khoob likha hai.nirasha ke daur me aas jaga...bahoot khoob likha hai.nirasha ke daur me aas jagati hai,sakaratmak lekhan ke liye badhaai.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-77147441468287436282012-01-10T18:21:30.494+05:302012-01-10T18:21:30.494+05:30छोटे से उदहारण से आपने बहुत कुछ कह दिया शाद यही फे...छोटे से उदहारण से आपने बहुत कुछ कह दिया शाद यही फेर्क है जो भिन्नता दर्शाता है की माता-पिता ,माता-पिता ही होते हैं जो सिर्फ देना जानते हैं सार्थक प्रस्तुतिPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-82499319729815775572012-01-10T17:56:23.687+05:302012-01-10T17:56:23.687+05:30शिक्षाप्रद ......!शिक्षाप्रद ......!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-32870914872177061492012-01-10T12:46:50.688+05:302012-01-10T12:46:50.688+05:30bahut sateek baat ko ujaagar kiya hai Prateek
ach...bahut sateek baat ko ujaagar kiya hai Prateek<br /><br />achanak jaane kitne hi bachpan ke wakye yaad aa gaye<br /><br />abhaar<br /><br />naazMridula Ujjwalhttps://www.blogger.com/profile/01352684031308418370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-62348380094544103792012-01-03T22:38:06.136+05:302012-01-03T22:38:06.136+05:30यही तो अंतर है पुरानी और नई पीढी में !यही तो अंतर है पुरानी और नई पीढी में !चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-46860367244229118262012-01-03T20:23:27.878+05:302012-01-03T20:23:27.878+05:30अच्छा लिखा है ..अच्छा लिखा है ..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7983516883015849841.post-35197986468894505412012-01-03T19:59:01.924+05:302012-01-03T19:59:01.924+05:30sundar abhivykti ...badhai prateek jisundar abhivykti ...badhai prateek jiNaveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.com